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Two Megh Samaj Girls died in Gulabgarh Kishtwar,j&k-Violent mob damages Gulabgarh police station

Saturday, July 31, 2010

पुलिस पर हत्या का आरोप, दरिया किनारे मिलीं चप्पलें
थाने से गायब हो गईं छात्राएं
छात्राओं की चप्पलें और चादर
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ग्रामीणों ने थाना घेरा पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं
किश्तवाड़ (ब्यूरो)। पुलिस की कथित यातनाओं के बाद दो स्कूली छात्राएं लापता हो गई हैं। उन्हें आखिरी बार थाने में देखा गया। मंगलवार की सुबह दरिया किनारे से उनकी चप्पलें और चादर बरामद हुईं। इससे एक ओर जहां उनके दरिया में कूदने की आशंका जताई जा रही है वहीं यह सवाल भी उठ रहा है जान देने जा रही लड़कियां चप्पलें किनारे पर क्यों रखेंगी। दोनों लड़कियों के पिताओं का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेटियों की हत्या की है। लड़कियों को मार डालने का आरोप लगाते हुए गुस्साए ग्रामीणों ने थाने पर हमला बोल दिया। पथराव के जवाब में पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की। भागने की कोशिश में थाना प्रभारी फारूक खान और कांस्टेबल दिलीप जख्मी हो गए। थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। गांव में पुलिस और सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है। डीसी जीआर भगत के मुताबिक जांच शुरू कर दी है।
गुलाबगढ़ निवासी बारहवीं की छात्रा सपना और दसवीं की छात्रा संगीता एक युवक प्रदीप के साथ नदी किनारे सैर को गईं थीं। पुलिसकर्मी तीनों को पकड़कर थाने ले गए। आरोप है वहां उन्हें बुरी तरह जलील किया गया। मारपीट भी की गई। पुलिस का दावा है कि उन्हें शाम को छोड़ दिया गया। लेकिन थाने जाने के बाद दोनों लड़कियों को किसी ने नहीं देखा। बाद में लड़कियों के मोबाइल फोन पुलिस के पास से मिले। पुलिस के पास इन सवालों के भी जवाब नहीं हैं कि प्रदीप को छात्राओं के साथ ही क्यों नहीं छोड़ा? लड़कियों के मोबाइल अपने पास क्यों रखे? संगीता के पिता जानकी नाथ और सपना के पिता नंदलाल जब थाने पहुंचे तो पुलिसवालों ने उन्हें छात्राओं के मोबाइल दिखाए। सुबह चप्पलें और चादर मिलने पर ग्रामीणों को पुलिस की नीयत पर संदेह बढ़ गया। सारा हुजूम थाने की तरफ बढ़ चला। गुलाबगढ़ थाना प्रभारी भीड़ देखकर घबरा गया। छत से कूदकर भागने का प्रयास किया तो मामला और बिगड़ गया। लोगों ने पुलिस पर दोनों मासूम बच्चियों के साथ ज्यादती कर उनकी हत्या का अंदेशा व्यक्त किया। देखते ही देखते थाने पर पथराव शुरू हो गया और पुलिस की जिप्सी तोड़ दी। पुलिस ने हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितरबितर किया। संगीता के पिता जानकी नाथ ने कहा कि पुलिस वालों ने पहले बच्चियों को यातनाएं दीं फिर मार डाला। सपना के पिता नंदलाल ने भी कहा कि थाने पहुंचने पर पुलिस ने दोनों के मोबाइल थमा दिए। सच्चाई यह है कि दोनों को पुलिस ने मारा है।
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